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UGC NET JRf Yoga Previous papers MCQ in Hindi

UGC NET JRf Yoga Previous papers MCQ in Hindi with Answers (Set-12)

नोट:- इस प्रश्नपत्र में (25) बहुसंकल्पीय प्रश्न है। प्रत्येक प्रश्न के दो (2) अंक है। सभी प्रश्न अनिवार्य  

1. अरेखित पेशियाँ पाई जाती हैं :
(a) हृदय के अतिरिक्त सभी अनैच्छिक आंगों में
(b) आँतों और यकृत में
(c) हृदय में  
(d) हाथ एवं पैर में
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
(1) (a) और (b) सही हैं।  (2) (a) और (c) सही हैं।
(3) (b) और (d) सही हैं।  (4) (b) और (c) सही हैं।

2. सूची- i को सूची- ii के साथ सुमेलित करें और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही विकल्प चुनें :
        सूची- i                 सूची- ii   
 (मस्तिष्क तरंग)       (अवस्था) 
    
(a) अल्फा           (i) उच्चतम चेतना
(b) बीटा             (ii)  उत्तेजित
(c) थीटा             (iii) विश्रांत
(d) डेल्टा            (iv) ध्यानमग्न
कूट:
       (a)    (b)    (c)    (d)
(1)  (iii)  (ii)    (iv)    (i)
(2)  (ii)   (iii)   (i)    (iv)
(3)  (iv)   (i)    (ii)   (iii)
(4)  (iv)   (iii)   (i)    (ii)

3. सूची- i को सूची- ii के साथ सुमेलित करें और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही विकल्प चुनें :
        सूची- i                 सूची- ii  
(a) परीक्षण और त्रुटि अधिगम      (i) पावलोव
(b) अनुकूलन द्वारा अधिगम       (ii)  कोहलर
(c) अंतर्दृष्टि  द्वारा अधिगम       (iii) स्किनर
(d) प्रभावकारी अनुकूलन             (iv) थोर्नडाइक
कूट:
       (a)    (b)    (c)    (d)
(1)  (iii)  (ii)    (iv)    (i)
(2)  (ii)   (iii)   (i)    (iv)
(3)  (iv)   (i)    (ii)   (iii)
(4)  (iv)   (iii)   (i)    (ii)

4. घेरण्ड संहिता के अनुसार योगाभ्यासी के लिए कौनसे खाद्य पदार्थ वर्जित होने चाहिए ?
(a) कूष्माण्ड
(b) पटोल
(c) लकुच  
(d) कुलत्थ
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
(1) (b), (c) और (d) सही हैं।  (2) (a), (b) और (c) सही हैं।
(3) (a), (c) और (d) सही हैं।  (4) (a), (b) और (d) सही हैं।

5. कपालभाति सामान्य रूप से किन व्याधियों में निषिद्ध है?
(a) निम्न रक्तचाप
(b) उच्च रक्तचाप
(c) हर्निया
(d) मोटापा
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
(1) (a) और (d) सही हैं।  (2) (a) और (c) सही हैं।
(3) (b) और (d) सही हैं।  (4) (b) और (c) सही हैं।

6. शशांकासन किस रोग में निषिद्ध है?
(a) वर्टिगो
(b) स्लिप डिस्क
(c) कब्ज
(d) मधुमेह
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :  
(1) (b) और (c) सही हैं।  (2) (a) और (b) सही हैं।
(3) (a) और (c) सही हैं।  (4) (b) और (d) सही हैं।

7. किसने व्यक्तित्व के मानवीय दृष्टिकोण को विकसित किया ?
(a) कार्ल जुंग
(b) अल्बर्ट बन्डुरा .
(c) कार्ल रोजर्स
(d) अब्राहम मैस्लो
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
(1) (a) और (d) सही हैं।  (2) (b) और (c) सही हैं।
(3) (c) और (d) सही हैं।  (4) (b) और (d) सही हैं।

8. स्मृति के तीन चरण हैं :
(a) पुनर्प्राप्ति
(b) कूटबद्ध करना
(c) पूर्वाभ्यास  
(d) संग्रहण
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
(1) (c), (a) और (d) सही हैं। (2) (a), (c) और (b) सही हैं।
(3) (b), (d) और (a) सही हैं। (4) (b), (b) और (c) सही हैं।

9. मुल्याभिमुखी शिक्षा से निम्नलिखित में से किनका निर्माण होता है?
(a) सम्पन्न समाज
(b) शांतिपूर्ण समाज
(c) स्वस्थ समाज
(d) राजनीतिक रूप से स्थिर समाज
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
(1) (a) और (b) सही हैं।  (2) (b) और (c) सही हैं।
(3) (c) और (d) सही हैं।  (4) (a) और (d) सही हैं।

10. घेरण्ड संहिता के अनुसार कपालभाति के प्रकार हैं :
(a) शीतक्रम
(b) वातसार
(c) वहि्नसार
(d) व्युत्क्रम
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
(1) (a) और (b) सही हैं। (2) (a) और (d) सही हैं।
(3) (b) और (c) सही हैं। (4) (c) और (d) सही हैं।

11. हठयोगप्रदीपिका के अनुसार महावेध मुद्रा दूर करती है :
(a) झुर्रियाँ
(b) अनिद्रा
(c) बाल-पकना
(d) कम्पन
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
(1) (c), (d) और (b) सही हैं। (2) (b), (a) और (d) सही हैं।
(3) (c), (b) और (a) सही हैं। (4) (a), (c) और (d) सही हैं।

12. लिखित पाठ योजना के लाभ अधिकांशतया होते हैं :
(a) शिक्षक के चिंतन को व्यवस्थित करने में
(b) शिक्षक का आत्मविश्वास बढ़ाने में
(c) छात्र की क्षमता समझने में
(d) शिक्षण के लक्ष्यों को बनाए रखने में  
कूट के अनुसार सही संयोजन चुनें :
(1) (b), (c) और (d) सही हैं। (2) (a), (c) और (d) सही हैं।
(3) (a), (b) और (c) सही हैं। (4) (a), (b) और (d) सही हैं।

13. घेरण्ड संहिता के अनुसार (प्राणायाम के अभ्यास के दौरान) निम्नलिखित को उचित क्रम में व्यवस्थित कीजिए :
(a) मिताहार
(b) स्थान
(c) नाडी शोधन
(d) काल
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
(1). (a), (b), (c), (d)          (2) (d), (b), (a), (c)
(3). (b), (d), (a), (c)          (4) (b), (a), (d), (c)

14. निम्नलिखित सिद्धियों को उचित क्रम में व्यवस्थित करें :
(a) वार्ता
(b) श्रावण
(c) आदर्श
(d) आस्वाद
(e) वेदना
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
(1). (a), (b), (c), (e), (d)          (2) (b), (e), (c), (d), (a)
(3). (b), (c), (d), (a), (e)          (4) (e), (c), (b), (d), (a)

15. निम्नलिखित को उचित क्रम में व्यवस्थित करें :
(a) विपर्यय
(b) विकल्प
(c) प्रमाण
(d) स्मृति
(e) निद्रा
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
(1). (c), (b), (a), (e), (d)          (2) (a), (b), (c), (d), (e)
(3). (c), (a), (b), (d), (e)          (4) (c), (a), (b), (e), (d) 

 16. सिद्ध सिद्धांत पद्धति के अनुसार महावायु के गुणों को आनुक्रमिक क्रम में व्यवस्थित कीजिए :
(a) शोषण
(b) संचालन
(c) धूम्र वर्ण
(d) संचार
(e) स्पर्श
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
(1). (b), (d), (e), (c), (a)          (2) (b), (e), (c), (d), (a)
(3). (d), (b), (e), (a), (c)          (4) (e), (c), (b), (d), (a)

17.  सिद्ध सिद्धांत पद्धति के अनुसार वाणी (वाक्‌) के निम्नलिखित प्रकारों को उचित क्रम में व्यवस्थित कीजिए :
(a) वैखरी
(b) मध्यमा
(c) परा
(d) मातृका
(e) पश्यन्ती
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
(1). (c), (b), (e), (a), (d)          (2) (c), (e), (b), (a), (d)
(3). (e), (c), (a), (d), (b)          (4) (a), (b), (c), (e), (d)

18. निम्नलिखित कशेरुकाओं के समूहों को अवरोही क्रम में व्यवस्थित करें (शरीर में स्थिति के अनुसार) :  
(a) सेक्रल कशेरुकाऐँ
(b) लंबर कशेरुकाऐँ
(c) सर्वाइकल कशेरुकाएँ
(d) थोरैसिक कशेरुकाएँ
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
(1). (a), (b), (c), (d)          (2) (a), (c), (b), (d)
(3). (c), (d), (b), (a)          (4) (b), (c), (d), (a)

19. भगवदगीता के अनुसार निम्नलिखित अवस्थाओं को उचित क्रम में व्यवस्थित करें :
(a) आसक्ति
(b) क्रोध
(c) काम
(d) सांसारिक विषयों के बारे में सोचना
सही उत्तर के लिए निम्नलिखित कूट का उपयोग करें :
(1). (b), (c), (d) और (a)      (2) (d), (a), (c) और (b)
(3). (c), (b), (a) और (d)      (4) (a), (d), (b) और (c)

20. सूची-i को सूची-ii के साथ सुमेलित करें और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनें :
             सूची-i                                    सूची-ii  
(a) समत्वं योग उच्चते                    (i) गीता 2/50
(b) योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:             (ii) गीता 2/48
(c) योग: कर्मसु कौशलम्‌                 (iii) गीता 6/23
(d) दुःख संयोगवियोगंयोगसंज्ञितम्‌  (iv) योग सूत्र 1/2
कूट :
      (a)   (b)   (c)   (d)
(1) (i)   (ii)   (iii)  (iv)
(2) (iii)  (i)   (iv)   (ii)
(3) (ii)  (iv)   (i)   (iii)
(4) (iv)  (iii)  (ii)    (i)

21. सूची-i को सूची-ii के साथ सुमेलित करें और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनें :
      सूची-i                  सूची-ii
     (सिद्धांत )            ( दर्शन )

(a) सत्कार्यवाद      (i) जैन दर्शन
(b) विवर्तवाद        (ii) सांख्य दर्शन
(c) स्याद्वाद        (iii) बौद्ध दर्शन
(d) क्षण भंगवाद   (iv) वेदान्त दर्शन
कूट :
      (a)   (b)   (c)   (d)
(1) (i)   (iii)   (ii)   (iv)
(2) (iii)  (ii)   (iv)   (i)
(3) (ii)  (iv)   (i)   (iii)
(4) (iv)  (i)  (iii)    (ii)

22. सूची-i को सूची-ii के साथ सुमेलित करें (माण्डूक्योपनिषद्‌ के अनुसार ) और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनें :
           सूची-i               सूची-ii
(a) जाग्रत अवस्था      (i) उकार
(b) स्वप्न अवस्था      (ii) अमात्र
(c) सुषुप्ति अवस्था    (iii) अकार
(d) तुरीया अवस्था      (iv) मकार
कूट :
      (a)   (b)   (c)   (d)
(1) (i)   (ii)   (iv)   (iii)
(2) (iii)  (i)   (ii)   (iv)
(3) (iii)  (i)   (iv)   (ii)
(4) (ii)  (iii)  (iv)    (i)

23. सूची- i को सूची- ii के साथ सुमेलित करें और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनें :
          सूची- i                 सूची- ii
         (टीका )               ( लेखक )

(a) तत्त्ववैशारदी     (i) रामानन्द यति
(b) योगवार्तिक        (ii) वाचस्पति मिश्र
(c) मणिप्रभा            (iii) सदाशिवेन्द्र सरस्वती
(d) योग सुधाकर      (iv) विज्ञानभिक्षु
कूट:
     (a)   (b)   (c)   (d)
(1) (i)   (ii)   (iii)   (iv)
(2) (iii)  (i)   (iv)   (ii)
(3) (ii)  (iv)   (i)   (iii)
(4) (iv)  (iii)  (ii)    (i)

24. सूची- i को सूची- ii के साथ सुमेलित करें और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनें :
       सूची- i                             सूची- ii
     ( अभ्यास )                     ( परिणाम )

(a) अपर वैराग्य             (i) असम्प्रज्ञात समाधि  
(b) क्रिया योग               (ii) कैवल्य
(c) पर वैराग्य                (iii) क्लेशतनुकरण
(d) असम्प्रज्ञात समाधि (iv) सम्प्रज्ञात समाधि
कूट:
     (a)   (b)   (c)   (d)
(1) (i)   (iii)   (ii)  (iv)
(2) (iii)  (ii)   (iv)  (i)
(3) (ii)  (iv)   (i)   (iii)
(4) (iv) (iii)   (i)    (ii)

25. सूची- i को सूची- ii के साथ सुमेलित करें (घेरण्ड संहिता के अनुसार) और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनें :
            सूची- i                        सूची- i
(a) ध्यान योग समाधि       (i) खेचरी मुद्रा
(b) नाद योग समाधि         (ii) योनि मुद्रा
(c) रसानन्द योग समाधि  (iii) शाम्भवी मुद्रा
(d) लयसिद्धि समाधि        (iv) भ्रामरी मुद्रा
कूट :
      (a)   (b)   (c)   (d)
(1) (i)   (iii)   (iv) (iii)
(2) (iii)  (ii)   (ii)  (iv)
(3) (iii)  (iv)  (i)    (ii)
(4) (ii)   (i)   (iv)    (i)

 Answer- 1- (1), 2- (1), 3- (3), 4- (3), 5- (4), 6- (2), 7- (3), 8- (3), 9- (2), 10- (2), 11- (4), 12- (4), 13- (3), 14- (2), 15- (4), 16- (3), 17- (2), 18- (3), 19- (2), 20- (3), 21- (3), 22- (3), 23- (3), 24- (4), 25- (3)


To be continuous...... 

UGC NET Yoga multiple choice Questions -Answer For practice (Set- 1) 

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हठयोग प्रदीपिका में प्राणायाम को कुम्भक कहा है, स्वामी स्वात्माराम जी ने प्राणायामों का वर्णन करते हुए कहा है - सूर्यभेदनमुज्जायी सीत्कारी शीतल्री तथा।  भस्त्रिका भ्रामरी मूर्च्छा प्लाविनीत्यष्टकुंम्भका:।। (हठयोगप्रदीपिका- 2/44) अर्थात् - सूर्यभेदन, उज्जायी, सीत्कारी, शीतली, भस्त्रिका, भ्रामरी, मूर्छा और प्लाविनी में आठ प्रकार के कुम्भक (प्राणायाम) है। इनका वर्णन ऩिम्न प्रकार है 1. सूर्यभेदी प्राणायाम - हठयोग प्रदीपिका में सूर्यभेदन या सूर्यभेदी प्राणायाम का वर्णन इस प्रकार किया गया है - आसने सुखदे योगी बदध्वा चैवासनं ततः।  दक्षनाड्या समाकृष्य बहिस्थं पवन शनै:।।  आकेशादानखाग्राच्च निरोधावधि क्रुंभयेत। ततः शनैः सव्य नाड्या रेचयेत् पवन शनै:।। (ह.प्र. 2/48/49) अर्थात- पवित्र और समतल स्थान में उपयुक्त आसन बिछाकर उसके ऊपर पद्मासन, स्वस्तिकासन आदि किसी आसन में सुखपूर्वक मेरुदण्ड, गर्दन और सिर को सीधा रखते हुए बैठेै। फिर दाहिने नासारन्ध्र अर्थात पिंगला नाडी से शनैः शनैः पूरक करें। आभ्यन्तर कुम्भक करें। कुम्भक के समय मूलबन्ध व जालन्धरबन्ध लगा कर रखें।  यथा शक्ति कुम्भक के प...

हठयोग का अर्थ , परिभाषा, उद्देश्य

  हठयोग का अर्थ भारतीय चिन्तन में योग मोक्ष प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण साधन रहा है, योग की विविध परम्पराओं (ज्ञानयोग, कर्मयोग, भक्तियोग, हठयोग) इत्यादि का अन्तिम लक्ष्य भी मोक्ष (समाधि) की प्राप्ति ही है। हठयोग के साधनों के माध्यम से वर्तमान में व्यक्ति स्वास्थ्य लाभ तो करता ही है पर इसके आध्यात्मिक लाभ भी निश्चित रूप से व्यक्ति को मिलते है।  हठयोग- नाम से यह प्रतीत होता है कि यह क्रिया हठ- पूर्वक की जाने वाली है। परन्तु ऐसा नही है अगर हठयोग की क्रिया एक उचित मार्गदर्शन में की जाये तो साधक सहजतापूर्वक इसे कर सकता है। इसके विपरित अगर व्यक्ति बिना मार्गदर्शन के करता है तो इस साधना के विपरित परिणाम भी दिखते है। वास्तव में यह सच है कि हठयोग की क्रियाये कठिन कही जा सकती है जिसके लिए निरन्तरता और दृठता आवश्यक है प्रारम्भ में साधक हठयोग की क्रिया के अभ्यास को देखकर जल्दी करने को तैयार नहीं होता इसलिए एक सहनशील, परिश्रमी और तपस्वी व्यक्ति ही इस साधना को कर सकता है।  संस्कृत शब्दार्थ कौस्तुभ में हठयोग शब्द को दो अक्षरों में विभाजित किया है।  1. ह -अर्थात हकार  2. ठ -अर्थ...

बंध एवं मुद्रा का अर्थ , परिभाषा, उद्देश्य

  मुद्रा का अर्थ एवं परिभाषा  'मोदन्ते हृष्यन्ति यया सा मुद्रा यन्त्रिता सुवर्णादि धातुमया वा'   अर्थात्‌ जिसके द्वारा सभी व्यक्ति प्रसन्‍न होते हैं वह मुद्रा है जैसे सुवर्णादि बहुमूल्य धातुएं प्राप्त करके व्यक्ति प्रसन्‍नता का अनुभव अवश्य करता है।  'मुद हर्ष' धातु में “रक्‌ प्रत्यय लगाकर मुद्रा शब्दं॑ की निष्पत्ति होती है जिसका अर्थ प्रसन्‍नता देने वाली स्थिति है। धन या रुपये के अर्थ में “मुद्रा' शब्द का प्रयोग भी इसी आशय से किया गया है। कोष में मुद्रा' शब्द के अनेक अर्थ मिलते हैं। जैसे मोहर, छाप, अंगूठी, चिन्ह, पदक, रुपया, रहस्य, अंगों की विशिष्ट स्थिति (हाथ या मुख की मुद्रा)] नृत्य की मुद्रा (स्थिति) आदि।  यौगिक सन्दर्भ में मुद्रा शब्द को 'रहस्य' तथा “अंगों की विशिष्ट स्थिति' के अर्थ में लिया जा सकता है। कुण्डलिनी शक्ति को जागृत करने के लिए जिस विधि का प्रयोग किया जाता है, वह रहस्यमयी ही है। व गोपनीय होने के कारण सार्वजनिक नहीं की जाने वाली विधि है। अतः रहस्य अर्थ उचित है। आसन व प्राणायाम के साथ बंधों का प्रयोग करके विशिष्ट स्थिति में बैठकर 'म...

योग आसनों का वर्गीकरण एवं योग आसनों के सिद्धान्त

योग आसनों का वर्गीकरण (Classification of Yogaasanas) आसनों की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए इन्हें तीन भागों में विभक्त किया जा सकता है (1) ध्यानात्मक आसन- ये वें आसन है जिनमें बैठकर पूजा पाठ, ध्यान आदि आध्यात्मिक क्रियायें की जाती है। इन आसनों में पद्मासन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन, सुखासन, वज्रासन आदि प्रमुख है। (2) व्यायामात्मक आसन- ये वे आसन हैं जिनके अभ्यास से शरीर का व्यायाम तथा संवर्धन होता है। इसीलिए इनको शरीर संवर्धनात्मक आसन भी कहा जाता है। शारीरिक स्वास्थ्य के संरक्षण तथा रोगों की चिकित्सा में भी इन आसनों का महत्व है। इन आसनों में सूर्य नमस्कार, ताडासन,  हस्तोत्तानासन, त्रिकोणासन, कटिचक्रासन आदि प्रमुख है। (3) विश्रामात्मक आसन- शारीरिक व मानसिक थकान को दूर करने के लिए जिन आसनों का अभ्यास किया जाता है, उन्हें विश्रामात्मक आसन कहा जाता है। इन आसनों के अन्तर्गत शवासन, मकरासन, शशांकासन, बालासन आदि प्रमुख है। इनके अभ्यास से शारीरिक थकान दूर होकर साधक को नवीन स्फूर्ति प्राप्त होती है। व्यायामात्मक आसनों के द्वारा थकान उत्पन्न होने पर विश्रामात्मक आसनों का अभ्यास थकान को दूर करके त...