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UGC NET Yoga previous MCQ in Hindi

UGC NET Yoga previous Paper MCQ अभिकथन और तर्क के Question-Answers

नोट:- इस प्रश्नपत्र में (25) बहुसंकल्पीय प्रश्न है। प्रत्येक प्रश्न के दो (2) अंक है। सभी प्रश्न अनिवार्य  

1. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : यौगिक विधियाँ अपनाकर रोगों का प्रबंधन योग चिकित्सा कहलाता है।
तर्क (R) : योग चिकित्सा निवारात्मक, उपचारात्मक और पुनर्वासात्मक है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

2. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : ताड़ासन से बच्चों की लंबाई बढ़ती है।
तर्क (R) : ताड़ासन से पेशियों, अस्थिबंध और पूरे मेरूदण्ड में खिंचाव आता है जो लंबाई बढ़ाने में सहायक होता है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्मलिखित में से कौन सा सही है?

(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

3. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : यौगिक अभ्यास का उत्तम समय ब्रह्ममुहूर्त है।
तर्क (R) : ब्रह्ममुहूर्त के समय वातावरण शुद्ध और शांत रहता है, तथा चेतना के स्तर पर मन पर कोई गहरी छाप नहीं होती।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नही है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

4. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : विद्या से अमरत्व प्राप्त होता है।
तर्क (R) :  तत्वज्ञान मोक्षप्राप्ति का साधन है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

5. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : योगाभ्यास के लिये मिताहार अनिवार्य है।
तर्क (R) : मधुर तथा स्निग्ध भोजन करना एवं एक चौथाई पेट को खाली रखना मिताहार की विशेषताएं हैं। 
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

6. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : अशुद्ध नाड़ियाँ उन्‍मनीभाव की अवस्था में व्यवधान हैं।
तर्क (R) : प्राणायाम के अभ्यास के पूर्व नाड़ीशोधन अनिवार्य है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

7. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : पीलिया में त्वचा और श्लेष्मल झिल्ली का रंग बिगड़क़र पीला हो जाता है।
तर्क (R) : पीलिया रोग सीरम बिलिरुबिन स्तर के बढ़ जाने के कारण होता है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है। |
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

8. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : मनोविज्ञान में अवलोकन विधि व्यक्तित्व के मूल्यांकन की एक लोकप्रिय विधि है।
तर्क (R) :  अवलोकन में किसी व्यक्ति की व्यवहार अभिरचना का वास्तविक जीवन परिस्थितियों में अध्ययन किया जाता है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

9. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : सात्विक आहार योगाभ्यासी के लिए उपयोगी है।
तर्क (R) : योगाभ्यासी को अम्लीय, लवणीय, बासी और अशुद्ध आहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

10. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : नौकासन मोटे व्यक्तियों के लिये लाभदायक है।
तर्क (R) : नौकासन से पेट दबता है, पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट की वसा कम करने में सहायक होता है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

11. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : प्रसंस्कृत मांस के सेवन से कैंसर होता है।
तर्क (R) : वैज्ञानिक अध्ययन से प्राप्त साक्ष्य के अनुसार प्रसंस्कृत मांस के सेवन और कोलोरेक्टल कैंसर होने के बीच सीधा संबंध है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है। |
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

12. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : ध्यान, तनाव जनित माइग्रेन दूर करने में सहायक होता है।
तर्क (R) : ध्यान के अभ्यास से कॉर्टिसोल के स्राव में कमी आती है, मन को विश्रान्ति होती है और इससे तनाव जनित माइग्रेन दूर होता है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है। |
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

13. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) :  समुदाय एक बड़े शिक्षण साधन के रूप में कार्य करता है।
तर्क (R) : छात्रों को सामुदायिक विकास परियोजनाओं का अवलोकन करवा कर जीवंत तरीके से अनेक तथ्यों के बारे में शिक्षित किया जा सकता है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है। |
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

14. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : धनुरासन हर्निया व्याधि में निषिद्ध है।
तर्क (R) : धनुरासन पीछे झुकने संबंधी आसन है, जिससे उदर की अग्रवर्ती दीवार पर दबाव में वृद्धि होती है, इसलिए यह आसन हर्निया में नुकसानदायक है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है। |
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

15. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : भगवद्‌ गीता के अनुसार, सांख्य और योग दर्शन पद्धतियाँ दो सर्वाधिक प्राचीन पद्धतियां हैं।
तर्क (R) : सांख्य और योग पद्धतियां क्रमश: ज्ञान और कर्म के मार्ग हैं।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है। |
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

16. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) :  गुरु छात्रों के लिए शिक्षक से अधिक एक मार्गदर्शक होता है।
तर्क (R) : गुरु छात्रों में उन्हीं क्षमताओं के विकास का प्रयास करता है, जिन्हें वह स्वयं पहले अनुभव कर चुका है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

17. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : तनाव अपने आपमें एक लक्षण है, लेकिन व्याधि नहीं है।
तर्क (R) : हानिकारक बाह्य उद्दीपकों का तात्कालिक परिणाम तनाव की अवस्था के रूप में सामने आता है, जिससे विभिन्न व्याधियाँ उत्पन्न होती हैं।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

18. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : स्वस्थ जीवन शैली के लिए यौगिक आहार वाँछित है।
तर्क (R) : जीवन शैली का प्रबंधन योग के उद्देश्यों का अभिन्न अवयव है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

19. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) :  राजसिक आहार योगाभ्यासी के लिए लाभदायी नहीं होता है।
तर्क (R) : कटु, लवणीय और तीक्ष्ण आहार रजस्‌ गुण में वृद्धि करता है, जो योग साधना में एक बाधक है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।  

20. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : कटु, तिक्त और कषाय रस प्रधान आहार वात प्रकृति के व्यक्तियों के लिए लाभदायी नहीं होता है।
तर्क (R) : कटु, तिक्‍त और कषाय रस प्रधान आहार का अत्यधिक सेवन करने से वात दोष में वृद्धि होती है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है। 

21. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : प्राणायाम के गलत अभ्यास से विभिन्न व्याधियाँ उत्पन्न होती हैं।
तर्क (R) : प्राणायाम के गलत अभ्यास से वायु में व्यवधान उत्पन्न होता है, जिससे हिक्का, श्वास, कास, शिर:शूल, कर्ण शूल, नेत्र शूल और अन्य व्याधियाँ होती हैं।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

22. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) :  सिद्धासन 72,000 नाडियों की शुद्धि करता है।
तर्क (R) :  हठ प्रदीपिका के अनुसार, कुल 84 आसनों में से सिद्धासन सर्वश्रेष्ठ है, जो नाडियों की शुद्धि करता है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है। 

23. नीचे दिये गये दो कथनों  में से एक को अभिकथन (A) और दूसरे को तर्क (R) की संज्ञा दी गई है। नीचे दिये गये विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए
अभिकथन (A) : एक अच्छा शिक्षक हजार पुजारियों के बराबर होता है।
तर्क (R) :  शिक्षक विद्यार्थियों को अपने अंदर झांकने के लिए प्रेरित करता है।
उपरोक्त दो कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(1) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(2) (A) और (R) दोनों सही हैं, लेकिन (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(3) (A) सही है, लेकिन (R) गलत है।
(4) (A) गलत है, लेकिन (R) सही है।

24. सूची- i को सूची- ii के साथ सुमेलित करें और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही विकल्प चुनें :

      सूची- i                 सूची- ii        
(a)
विटामिन A        (i) हडिडयों को मजबूत बनाता है
(b)
विटामिन D       (ii) हीमोग्लोबिन निर्माण हेतु अनिवार्य
(c)
विटामिन K       (iii) अच्छी दृष्टि के लिये आवश्यक
(d)
लौह तत्व           (iv) रक्‍त जमने के लिये अनिवार्य
कूट:
       (a)   (b)    (c)    (d)
(1)  (iv)   (iii)   (ii)    (i)
(2)   (i)    (ii)    (iii)  (iv)
(3)  (
iii)    (i)    (iv)   (ii)
(4)  (iv)   (iii)   (i)     (ii) 

25. सूची- i को सूची- ii के साथ सुमेलित करें और नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करते हुए सही विकल्प चुनें :

        सूची- i                          सूची- ii        
(a)
नमस्कारासन           (i) ॐ रवये नमः
(b)
पादहस्तासन           (ii)  ॐ मित्राय नम:
(c)
हस्त- उत्तानासन     (iii) ॐ सूर्याय नमः
(d)
श्वसंचालनासन     (iv) ॐ भानवे नमः
कूट:
       (a)   (b)    (c)    (d)
(1)  (iv)  (iii)   (ii)    (i)
(2)  (
ii)   (iii)   (i)    (iv)
(3) (iv)    (i)    (ii)   (iii)
(4) (iv)   (iii)   (i)    (ii)

  Answer- 1- (1), 2- (1), 3- (1), 4- (2), 5- (1), 6- (2), 7- (1), 8- (1), 9- (2), 10- (1), 11- (1), 12- (1), 13- (1), 14- (1), 15- (2), 16- (1), 17- (1), 18- (2), 19- (1), 20- (2), 21- (2), 22- (1), 23- (1), 24- (3), 25- (2)  

To be continuous......  

UGCNET Yoga MCQ with Answers For practice (Set- 2)

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 चित्त  चित्त शब्द की व्युत्पत्ति 'चिति संज्ञाने' धातु से हुई है। ज्ञान की अनुभूति के साधन को चित्त कहा जाता है। जीवात्मा को सुख दुःख के भोग हेतु यह शरीर प्राप्त हुआ है। मनुष्य द्वारा जो भी अच्छा या बुरा कर्म किया जाता है, या सुख दुःख का भोग किया जाता है, वह इस शरीर के माध्यम से ही सम्भव है। कहा भी गया  है 'शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्' अर्थात प्रत्येक कार्य को करने का साधन यह शरीर ही है। इस शरीर में कर्म करने के लिये दो प्रकार के साधन हैं, जिन्हें बाह्यकरण व अन्तःकरण के नाम से जाना जाता है। बाह्यकरण के अन्तर्गत हमारी 5 ज्ञानेन्द्रियां एवं 5 कर्मेन्द्रियां आती हैं। जिनका व्यापार बाहर की ओर अर्थात संसार की ओर होता है। बाह्य विषयों के साथ इन्द्रियों के सम्पर्क से अन्तर स्थित आत्मा को जिन साधनों से ज्ञान - अज्ञान या सुख - दुःख की अनुभूति होती है, उन साधनों को अन्तःकरण के नाम से जाना जाता है। यही अन्तःकरण चित्त के अर्थ में लिया जाता है। योग दर्शन में मन, बुद्धि, अहंकार इन तीनों के सम्मिलित रूप को चित्त के नाम से प्रदर्शित किया गया है। परन्तु वेदान्त दर्शन अन्तःकरण चतुष्टय की...

चित्त विक्षेप | योगान्तराय

चित्त विक्षेपों को ही योगान्तराय ' कहते है जो चित्त को विक्षिप्त करके उसकी एकाग्रता को नष्ट कर देते हैं उन्हें योगान्तराय अथवा योग के विध्न कहा जाता।  'योगस्य अन्तः मध्ये आयान्ति ते अन्तरायाः'।  ये योग के मध्य में आते हैं इसलिये इन्हें योगान्तराय कहा जाता है। विघ्नों से व्यथित होकर योग साधक साधना को बीच में ही छोड़कर चल देते हैं। विध्न आयें ही नहीं अथवा यदि आ जायें तो उनको सहने की शक्ति चित्त में आ जाये, ऐसी दया ईश्वर ही कर सकता है। यह तो सम्भव नहीं कि विध्न न आयें। “श्रेयांसि बहुविध्नानि' शुभकार्यों में विध्न आया ही करते हैं। उनसे टकराने का साहस योगसाधक में होना चाहिए। ईश्वर की अनुकम्पा से यह सम्भव होता है।  व्याधिस्त्यानसंशयप्रमादालस्याविरतिभ्रान्तिदर्शनालब्धभूमिकत्वानवस्थितत्वानि चित्तविक्षेपास्तेऽन्तरायाः (योगसूत्र - 1/30) योगसूत्र के अनुसार चित्त विक्षेपों  या अन्तरायों की संख्या नौ हैं- व्याधि, स्त्यान, संशय, प्रमाद, आलस्य, अविरति, भ्रान्तिदर्शन, अलब्धभूमिकत्व और अनवस्थितत्व। उक्त नौ अन्तराय ही चित्त को विक्षिप्त करते हैं। अतः ये योगविरोधी हैं इन्हें योग के मल...

कठोपनिषद

कठोपनिषद (Kathopanishad) - यह उपनिषद कृष्ण यजुर्वेद की कठ शाखा के अन्तर्गत आता है। इसमें दो अध्याय हैं जिनमें 3-3 वल्लियाँ हैं। पद्यात्मक भाषा शैली में है। मुख्य विषय- योग की परिभाषा, नचिकेता - यम के बीच संवाद, आत्मा की प्रकृति, आत्मा का बोध, कठोपनिषद में योग की परिभाषा :- प्राण, मन व इन्दियों का एक हो जाना, एकाग्रावस्था को प्राप्त कर लेना, बाह्य विषयों से विमुख होकर इन्द्रियों का मन में और मन का आत्मा मे लग जाना, प्राण का निश्चल हो जाना योग है। इन्द्रियों की स्थिर धारणा अवस्था ही योग है। इन्द्रियों की चंचलता को समाप्त कर उन्हें स्थिर करना ही योग है। कठोपनिषद में कहा गया है। “स्थिराम इन्द्रिय धारणाम्‌” .  नचिकेता-यम के बीच संवाद (कहानी) - नचिकेता पुत्र वाजश्रवा एक बार वाजश्रवा किसी को गाय दान दे रहे थे, वो गाय बिना दूध वाली थी, तब नचिकेता ( वाजश्रवा के पुत्र ) ने टोका कि दान में तो अपनी प्रिय वस्तु देते हैं आप ये बिना दूध देने वाली गाय क्यो दान में दे रहे है। वाद विवाद में नचिकेता ने कहा आप मुझे किसे दान में देगे, तब पिता वाजश्रवा को गुस्सा आया और उसने नचिकेता को कहा कि तुम ...

हठयोग प्रदीपिका में वर्णित प्राणायाम

हठयोग प्रदीपिका में प्राणायाम को कुम्भक कहा है, स्वामी स्वात्माराम जी ने प्राणायामों का वर्णन करते हुए कहा है - सूर्यभेदनमुज्जायी सीत्कारी शीतल्री तथा।  भस्त्रिका भ्रामरी मूर्च्छा प्लाविनीत्यष्टकुंम्भका:।। (हठयोगप्रदीपिका- 2/44) अर्थात् - सूर्यभेदन, उज्जायी, सीत्कारी, शीतली, भस्त्रिका, भ्रामरी, मूर्छा और प्लाविनी में आठ प्रकार के कुम्भक (प्राणायाम) है। इनका वर्णन ऩिम्न प्रकार है 1. सूर्यभेदी प्राणायाम - हठयोग प्रदीपिका में सूर्यभेदन या सूर्यभेदी प्राणायाम का वर्णन इस प्रकार किया गया है - आसने सुखदे योगी बदध्वा चैवासनं ततः।  दक्षनाड्या समाकृष्य बहिस्थं पवन शनै:।।  आकेशादानखाग्राच्च निरोधावधि क्रुंभयेत। ततः शनैः सव्य नाड्या रेचयेत् पवन शनै:।। (ह.प्र. 2/48/49) अर्थात- पवित्र और समतल स्थान में उपयुक्त आसन बिछाकर उसके ऊपर पद्मासन, स्वस्तिकासन आदि किसी आसन में सुखपूर्वक मेरुदण्ड, गर्दन और सिर को सीधा रखते हुए बैठेै। फिर दाहिने नासारन्ध्र अर्थात पिंगला नाडी से शनैः शनैः पूरक करें। आभ्यन्तर कुम्भक करें। कुम्भक के समय मूलबन्ध व जालन्धरबन्ध लगा कर रखें।  यथा शक्ति कुम्भक के प...

हठयोग का अर्थ , परिभाषा, उद्देश्य

  हठयोग का अर्थ भारतीय चिन्तन में योग मोक्ष प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण साधन रहा है, योग की विविध परम्पराओं (ज्ञानयोग, कर्मयोग, भक्तियोग, हठयोग) इत्यादि का अन्तिम लक्ष्य भी मोक्ष (समाधि) की प्राप्ति ही है। हठयोग के साधनों के माध्यम से वर्तमान में व्यक्ति स्वास्थ्य लाभ तो करता ही है पर इसके आध्यात्मिक लाभ भी निश्चित रूप से व्यक्ति को मिलते है।  हठयोग- नाम से यह प्रतीत होता है कि यह क्रिया हठ- पूर्वक की जाने वाली है। परन्तु ऐसा नही है अगर हठयोग की क्रिया एक उचित मार्गदर्शन में की जाये तो साधक सहजतापूर्वक इसे कर सकता है। इसके विपरित अगर व्यक्ति बिना मार्गदर्शन के करता है तो इस साधना के विपरित परिणाम भी दिखते है। वास्तव में यह सच है कि हठयोग की क्रियाये कठिन कही जा सकती है जिसके लिए निरन्तरता और दृठता आवश्यक है प्रारम्भ में साधक हठयोग की क्रिया के अभ्यास को देखकर जल्दी करने को तैयार नहीं होता इसलिए एक सहनशील, परिश्रमी और तपस्वी व्यक्ति ही इस साधना को कर सकता है।  संस्कृत शब्दार्थ कौस्तुभ में हठयोग शब्द को दो अक्षरों में विभाजित किया है।  1. ह -अर्थात हकार  2. ठ -अर्थ...

बंध एवं मुद्रा का अर्थ , परिभाषा, उद्देश्य

  मुद्रा का अर्थ एवं परिभाषा  'मोदन्ते हृष्यन्ति यया सा मुद्रा यन्त्रिता सुवर्णादि धातुमया वा'   अर्थात्‌ जिसके द्वारा सभी व्यक्ति प्रसन्‍न होते हैं वह मुद्रा है जैसे सुवर्णादि बहुमूल्य धातुएं प्राप्त करके व्यक्ति प्रसन्‍नता का अनुभव अवश्य करता है।  'मुद हर्ष' धातु में “रक्‌ प्रत्यय लगाकर मुद्रा शब्दं॑ की निष्पत्ति होती है जिसका अर्थ प्रसन्‍नता देने वाली स्थिति है। धन या रुपये के अर्थ में “मुद्रा' शब्द का प्रयोग भी इसी आशय से किया गया है। कोष में मुद्रा' शब्द के अनेक अर्थ मिलते हैं। जैसे मोहर, छाप, अंगूठी, चिन्ह, पदक, रुपया, रहस्य, अंगों की विशिष्ट स्थिति (हाथ या मुख की मुद्रा)] नृत्य की मुद्रा (स्थिति) आदि।  यौगिक सन्दर्भ में मुद्रा शब्द को 'रहस्य' तथा “अंगों की विशिष्ट स्थिति' के अर्थ में लिया जा सकता है। कुण्डलिनी शक्ति को जागृत करने के लिए जिस विधि का प्रयोग किया जाता है, वह रहस्यमयी ही है। व गोपनीय होने के कारण सार्वजनिक नहीं की जाने वाली विधि है। अतः रहस्य अर्थ उचित है। आसन व प्राणायाम के साथ बंधों का प्रयोग करके विशिष्ट स्थिति में बैठकर 'म...

योग आसनों का वर्गीकरण एवं योग आसनों के सिद्धान्त

योग आसनों का वर्गीकरण (Classification of Yogaasanas) आसनों की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए इन्हें तीन भागों में विभक्त किया जा सकता है (1) ध्यानात्मक आसन- ये वें आसन है जिनमें बैठकर पूजा पाठ, ध्यान आदि आध्यात्मिक क्रियायें की जाती है। इन आसनों में पद्मासन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन, सुखासन, वज्रासन आदि प्रमुख है। (2) व्यायामात्मक आसन- ये वे आसन हैं जिनके अभ्यास से शरीर का व्यायाम तथा संवर्धन होता है। इसीलिए इनको शरीर संवर्धनात्मक आसन भी कहा जाता है। शारीरिक स्वास्थ्य के संरक्षण तथा रोगों की चिकित्सा में भी इन आसनों का महत्व है। इन आसनों में सूर्य नमस्कार, ताडासन,  हस्तोत्तानासन, त्रिकोणासन, कटिचक्रासन आदि प्रमुख है। (3) विश्रामात्मक आसन- शारीरिक व मानसिक थकान को दूर करने के लिए जिन आसनों का अभ्यास किया जाता है, उन्हें विश्रामात्मक आसन कहा जाता है। इन आसनों के अन्तर्गत शवासन, मकरासन, शशांकासन, बालासन आदि प्रमुख है। इनके अभ्यास से शारीरिक थकान दूर होकर साधक को नवीन स्फूर्ति प्राप्त होती है। व्यायामात्मक आसनों के द्वारा थकान उत्पन्न होने पर विश्रामात्मक आसनों का अभ्यास थकान को दूर करके त...