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Upanishads for Yoga Exam

Introduction of Principal Upanishads (10 मुख्य उपनिषदों का परिचय) उपनिषदों की कुल 108  मानी गई है इनमें से 10 को मुख्य उपनिषद (Principal Upanishad) कहा जाता है।  कुल 108 उपनिषदों में से 20 उपनिषदों को “योग उपनिषद' कहा जाता है। मुख्य- 10, सन्‍यास- 17, वेदान्त - 24, योग - 20, शैव -14, वैष्णव -14,  शाक्त - 9 10 मुख्य उपनिषदों के नाम (Name of 10 Principal Upanishads):-                             1. ईश- (ईशावास्योपनिषद-Ishavasyopanishad) 2. केन- (केनोपनिषद- Kenopanishad) 3. कठ- (कठोपनिषद- Kathopanishad ) 4. प्रश्न- (प्रश्नोपनिषद- Prashnopanishad) 5. मुण्डक- (मुण्डकोपनिषद्- Mundakopanishad ) 6. माण्ड्क्य- (माण्डूक्योपनिषद -mandukyopanishad ) 7. ऐतरेय- (ऐतरेय उपनिषद Aitareya Upanishad ) 8. तैतिरीय- (तैतिरीय उपनिषद- Taittiriya Upanishad ) 9. छान्‍दोग्य- (छान्‍दोग्य उपनिषद- Chandogya Upanishad ) 10. बृहदारण्य- (बृहदारण्यक उपनिषद- Brihadaranyaka Upanishad ) 1. ईश- (ईशावास्योपनिषद-Ishavasyopanishad) यह उपनिषद 10 मुख्य उपनिषदों में प्रथम उपनिषद है। ईशावास्योपनिषद शुक्ल यजुर्वेद के 40वां अध्

योगबीज

  Yoga Beej for UGC NET Yoga Exam योगबीज योगबीज ग्रंथ भगवान शिव के द्वारा कहा गया यह है, यह हठ योग परंपरा का पुरातन ग्रंथ है, योग के एक बीज के रूप में इस ग्रंथ को माना जाता है। भगवान शिव एवं माता पार्वती जी के संवाद रूप इस ग्रंथ में माता पार्वती प्रश्न करती हैं एवं भगवान शिव उनका उतर देते हैं। योगबीज में कुल 182 श्लोक है (कुछ पुस्तक में 190 भी लिखा हुआ प्राप्त होता है, इस ग्रन्थ में कोई भी अध्याय नहीं है। योगबीज के रचनाकार भगवान शिव एवं श्रोता माता पार्वती है। माता पार्वती जी को सुरेश्वरि भी योग बीज में कहा गया है। योगबीज में माता पार्वती मुख्य रूप से 12 प्रश्न करती है। योग बीज में सबसे प्रथम श्लोक में आदिनाथ शिव को प्रणाम किया गया है तथा इन्हे वृषभ नाथ भी इसमें कहा गया है। शिव को इसमें उत्पत्ति करता, पालक और संहार करता कहा गया है, और सभी क्सेशों को हरने बाला शिव को कहा गया है। 1- योगबीज के अनुसार - अहंकार के नष्ट होने से ही हमे मुक्ति (मोक्ष) की प्राप्ति होती है 2- योगबीज के अनुसार 5 प्राण होते है  (लेकिन इसमें 5 प्राण के नाम नहीं बताए गए है।) 3- योगबीज के अनुसार चित्त की शुद्धि प्रा

UGC NET Yoga MCQ in Hindi

 UGC NET Yoga June 2019 Solved Paper | Yoga MCQ (Set-19)  नोट :- इस प्रश्नपत्र में (25) बहुसंकल्पीय प्रश्न है। प्रत्येक प्रश्न के दो (2) अंक है। सभी प्रश्न अनिवार्य ।   1. चतुर्योग (मंत्र, लय, हठ और राज) का वर्णन किया गया है : (a) त्रिशिखिब्राह्मण उपनिषद्‌ में (b) योगतत्व उपनिषद्‌ में (c) योगराज उपनिषद्‌ में (d) नादबिन्दु उपनिषद्‌ में सही विकल्प चुनिए 1. (a) और (d)   2. (b) और (d)   3. (c) और (d) 4. (b) और (c)   2. निम्नलिखित में से कौन सा आसन संतुलनात्मक नहीं है? 1. वृक्षासन 2. ताड़ासन 3. गरुड़ासन 4. 'एकपादस्कन्धासन 3. 'पातञ्जल' योग सूत्र के अनुसार एकतत्त्व का अभ्यास किसे दूर करता है? 1. विक्षेप 2. क्लेश 3. दुःख 4. मृत्यु भय 4. व्यक्तित्व के मनोविश्लेषणात्मक सिद्धान्त के जनक कौन हैं? 1. फ्रायड 2. एडलर 3. जुंग 4. हिप्पोक्रेट्स 5. एक योगाभ्यासी को मिताहार करते समय उदर का कितना भाग रिक्त रखना चाहिए? 1. एक-तिहाई भाग 2. एक-चौथाई भाग 3. आधा भाग 4. दो-तिहाई भाग 6. सूची-i को सूची-ii से सुमेलित कीजिए :             सूची-i                              सूची-ii   (a)

UGC NET Yoga june 2019 Solved Paper

UGC NET Yoga June 2019 Solved Paper | Yoga MCQ (Set-18) नोट :- इस प्रश्नपत्र में (25) बहुसंकल्पीय प्रश्न है। प्रत्येक प्रश्न के दो (2) अंक है। सभी प्रश्न अनिवार्य ।   1. त्रिशिखिब्राह्मणोपनिषद्‌” के अनुसार नियम का आरोही क्रम है- (a) तप (b) सन्‍तोष (c) दान (d) हरिआराधना (e) आस्तिक्य सही विकल्प चुनिए : 1. (a)-(b)-(c)-(d)-(e)   2. (a)-(b)-(e)-(c)-(d) 3. (b)-(a)-(c)-(d)-(e)   4. (b)-(c)-(e)-(a)-(d) 2. नीचे दो कथन दिए गए हैं, जिनमें से एक अभिकथन (A) और दूसरा तर्क (R) है : अभिकथन (A): नारद एक भक्ति योगी हैं जो परम भक्ति के पक्षधर हैं जो आत्म साक्षात्कार कराती है। तर्क (R):  कबीर, मीराबाई, तुलसीदास और सूरदास ने भक्ति योग को अपनाया। उपर्युक्त दोनों कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिए : 1. (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है। 2. (A) और (R) दोनों सही हैं, परन्तु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है । 3. (A) ग़लत है, परन्तु (R) सही है । 4. (A) सही है, परन्तु (R) ग़लत है। 3. 'मुण्डकोपनिषद्‌' के अनुसार हृदय-ग्रन्थि के छेदन का क्या परिणा